विधि स्नातकों को अदालत में उपस्थित होने और पक्ष रखने की पात्रता प्रदान करने के उद्देश्य से बार काउंसिल आफ इंडिया छह मार्च 2011 को पहली पात्रता परीक्षा आयोजित कर रही है. इस परीक्षा का उद्देश्य विधि स्नातकों की बुनियादी समझ और न्यूनतम दक्षता का आकलन करना है जिसके लिये वह पुस्तक की मदद ले सकते है.
बार काउंसिल आफ इंडिया के एक अधिकारी ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि इस परीक्षा का उद्देश्य विधि स्नातकों की तार्किक दक्षता और बुनियादी ज्ञान की परख करने के साथ वकील के अदालत में पक्ष रखने के लिए न्यूनतम अर्हता तय करना है.
उन्होंने बताया कि परीक्षा ‘खुली पुस्तक’ की तर्ज पर होगी और छात्रों को परीक्षा में पुस्तकों, पाठ्य सामग्रियों एवं नोट्स की मदद लेने की छूट होगी. छात्रों को उत्तर का विकल्प ‘ओएमआर उत्तर पुस्तिका’ पर अंकित करना होगा.
गौरतलब है कि विधि शिक्षा समिति ने इस संबंध में आल इंडिया बार काउंसिल की अधिसूचना को मंजूरी दी थी. इसकी रूपरेखा 10 अप्रैल 2010 और 30 अप्रैल 2010 की बैठक में तैयार की गई थी.
शैक्षणिक सत्र 2009-10 से विधि स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों से आल इंडिया बार काउंसिल की पात्रता परीक्षा में उपस्थित होने के बाद ही वकील के रूप में अदालत में उपस्थित होने की पात्रता हासिल हो सकती है.
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